– प्रवासी श्रमिकों को जालोर से विशेष टे्रन से भेजने से लेकर अब तक दोनों ही दल अपनी अपनी सरकारों की बता रहे उपलब्धि, सोशल मीडिया पर कोसा जा रहा दोनों को
जालोर. कोरोना महामारी के चलते जालोर जिले में बड़ी तादाद में फंसी प्रवासी श्रमिकों को विशेष टे्रन से गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने की कवायद चल रही है। इस पूरी कवायद के बीच भाजपा और कांगे्रस के बीच इस महामारी में राजनीतिक लाभ उठाने की मंशा से अपने अपने पक्ष में सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है। भाजपा द्वारा टे्रनें चलाने को लेकर यह पोस्ट डाली जा रही है कि यह केंद्र में शासित भाजपा की पहल पर ही चल रही है। दूसरी तरफ दो दिन में जालोर रेलवे स्टेशन पर टे्रनों की रवानगी के दौरान कांगे्रस पदाधिकारियों द्वारा यह जाहिर किया गया है कि यह राज्य सरकार की उपलब्धि है और उनके प्रयास से ही यह टे्रन चल रही है। इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर दोनों ही दलों की भत्र्सना हो रही है। यह कमेंट वायरल हो रहे है कि गरीबों की मजबूरी में तो कम से कम राजनीतिक लाभ छोड़ दो, अलबत्ता यह पूरा मामला अभी सोशल मीडिया पर काफी गर्माया हुआ है।
यह हैं कांगे्रस के नाम से पोस्ट में
कांगे्रस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में यह दर्शाया गया है कि असहाय, मजदूर, फेरीवाले और गरीब प्रवासी मजदूरों के लिए यात्री टे्रन राजस्थान सरकार द्वारा चलाई गई है। सोशल मीडिया पर टिकट भी वायरल हो रहे हैं। जिस पर इंक मोहर लगी है और उस पर लिखा हुआ है ‘किराए का भुगतान राजस्थान सरकार द्वारा किया गयाÓ यह पोस्ट 13 मई को वायरल हुई है। इस पोस्ट पर काफी लोगों ने आपत्ति जाहिर की और जमकर कमेंट भी किए हैं।
भाजपा के नाम से भी आई पोस्ट
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा मोहर लगी टिकट के पोस्ट होने के बाद भाजपा की काउंटर पोस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह पोस्ट अभी चर्चा का विषय है, क्योंकि यह वर्तमान जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग के नाम से बने फेसबुक पेज पर वायरल हो रही है। इसमें लिखा है कि ‘केंद्र द्वारा गाइड लाइन जारी होने के बाद जितने भी प्रवासी श्रमिक है उनको रेल के माध्यम से उनके स्थान तक पहुंचाने का जिम्मा सरकार द्वारा लिया गया। जिसमें रेल के किराए के 85 प्रतिशत का वहन केंद्र सरकार उठाएगी और 15 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, लेकिन जिस तरह से टिकट के ऊपर कांगे्रस सरकार ने अपनी छाप लगाई है वह ओछी मानसिकता है। केवल 15 प्रतिशत ही किरायाा देने वाली सरकार इस तरह से संपूर्ण श्रेय लेने का प्रयास कर रही है।Ó
13 Replies to “#JALORE कोरोना की आफत के बीच श्रमिकों की मजबूरी को भूल भाजपा-कांगे्रस के बीच राजनीति लाभ लेने की मची होड”