रानीवाड़ा. मनरेगा लॉक डाउन के हालातों के बीच रोजगार का एक सुनहरा अवसर है और अभावग्रस्त लोगों के लिए महत्वपूर्ण भी, लेकिन रानीवाड़ा क्षेत्र में एक कार्मिक की हठधर्मिता गरीब तबके पर भारी पड़ रही है। यह कार्मिक मनमर्जी से न केवल काम कर रहा है, बल्कि जॉब कार्ड का काम पिछले काफी समय से अटका कर बैठा है। सीधे तौर पर इसका असर मनरेगा श्रमिकों पर पड़ रहा है। रानीवाड़ा क्षेत्र में धानोल में ग्राम विकास अधिकारी की मनमर्जी ग्रामीणों के रोजगार में अड़चन पैदा कर ता है। धानोल ग्राम पंचायत के अंतर्गत 70 से अधिक जरुरतमंदों के जॉब कार्ड विभागीय लापरवाही के कारण अटके पड़े हैं। इधर इन हालातों में इन गरीब तबके के लोगों को रोजगार मुहैया नहीं हो रहा और इन लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। ग्रामीण हरीश का कहना है कि उसने आवेदन किया था, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी बार बार चक्कर कटवा रहा है और काम भी नहीं कर रहा। गणेशाराम का कहना है किग्राम विकास अधिकारी महेंद्र कुमार जानबूझकर हमारा काम अटका रहा है और इससे हमें दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
सरपंच यह बोल रही
इस मामले में सरपंच आरती देवी का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी मनमर्जी से ही कार्यालय में उपस्थिति नहीं दे रहे। बहुत से काम पेंडिंग है। जॉब कार्ड नहीं बनने से संबंधित शिकायत आई है। जॉब कार्ड के आवेदन काफी तादाद में अटके पड़े हैं।
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