– प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा बजरी का अवैध कारोबार, नही हो रही कार्रवाई
खीमसिंह राजपुरोहित
सायला।
सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा रखी है इसके बावजूद उपखण्ड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन एवं परिवहन धडल्ले से हो रहा है। प्रतिदिन मकान एवं काॅम्पलेक्स निर्माण कार्यस्थलों पर बजरी बेखौफ पहंुच रही है। वही रोक के बावजूद बजरी उपलब्ध होने से निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहे है।
जानकारी के अनुसार उपखण्ड मुख्यालय पर नया बस स्टेण्ड के पास ही दुकानों का निर्माण कार्य चल रहा है। जहां पर पिछले कुछ समय से बिना किसी रोकटोक के बजरी पहुंच रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणीय मंजूरी मिलने तक नदी प्रवाह क्षेत्र में बजरी खनन एवं उसके परिवहन पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद दुकानों के निर्माण कार्यस्थल पर बजरी कैसे व कहां से पहुंच रही है, यह जांच का विषय है। इसी प्रकार क्षेत्र में अन्य निर्माण स्थलों पर भी प्रतिदिन दिन के उजाले में बेखौफ बजरी पहुंच रही है। बजरी माफिया एवं निर्माण कार्यो के ठेकेदार आपसी मिलीभगत से बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेश की खुलेआम धज्जियां उडा रहे है। ऐसा नही है कि प्रशासन अनजान है बल्कि खनिज विभाग, पुलिस एवं प्रशासन को सबकुछ मालूम होते हुए भी मूकदर्शक बनकर तमाशबीन बने हुए है। इससे सरकार को करोडों रूपये के राजस्व की चपत लग रही है। लेकिन खनिज विभाग कोई ठोस कार्रवाई नही कर रहा है।
सायला बाजार मे जगह जगह हो रहा निर्माण –
कस्बे के नया बस स्टेण्ड, तहसील कार्यालय, पुलिस थाना, पुखराज छात्रावास के सामने, पुराना बस स्टेण्ड के पास रोशन कॉम्पलेक्स के सामने निर्माण कार्य चल रहा है। वही बडी बात तो यह है उपखंड क्षेत्रभर मे ईंट एवं सीमेंट उद्योग वाले जगह जगह अवैध रूप से निर्माण कार्य कर रहे है। ये लोग सीमेन्ट की ईंट, शौचालय मे उपयोग मे आने वाले फर्मे, इन्टरलॉकिंग ईंटे आदि बनाकर क्षेत्र की भोली भाली जनता को बजरी बंद होने का हवाला देकर जमकर चांदी कूट रहे है।
नही दिख रहा बजरी पर रोक का असर –
न्यायालय की रोक के बावजूद नदीयों मे से बजरी का खनन किया जा रहा है। विक्रेता मोटे दामों पर बजरी को बेच रहे है। क्षेत्र के गांवो में विभिन्न निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहे है। यहां बजरी पर रोक का कोई असर दिखता नजर नही आ रहा है। निर्माण कार्यो को देखकर यह लगता ही नही कि बजरी खनन पर रोक लगी हुई है।
इनका कहना हैं –
सायला मे बजरी का अवैध खनन हो रहा है लेकिन प्रशासन कोई कार्यवाही नही करता है। यदि कोई किसान बजरी लेकर जाता है तो पुलिस उन पर कार्यवाही करती है लेकिन खनन माफियां एवं ऊंचे रसूकात वालो पर कोई कार्यवाही नही कर रही है। – मांगीलाल राजपुरोहित समाजसेवी सायला।
हमने शिवसेना के बैनर तले प्रशासन को कई बार अवैध बजरी खनन के बारे में अवगत भी करवाया था लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है। जिससे खनन माफियाओं के हौंसले बुलन्द है। – वरदसिंह वालेरा शिवसेना जिलाप्रमुख।
10 Replies to “#SAYLA सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद यहां बेरोकटोक पहुंच रही बजरी”