152 किलोग्राम पुराना व सडा हुआ मावा नष्ट करवाया
जालोर. शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की शुरुआत के साथ ही मिलावट खारों का जाल सामने आने लग गया है। पहले ही दिन मेडा उपरला में 152 किलो घटिया मावा मिला है, जेा दीपावली की सीजन में खपने वाला था। सीधे तौर पर बड़ा मामला है। सीधे तौर पर यह समझा जा सकता है कि कार्रवाई और जांच केवल त्योहारी सीजन में ही होती है। यह जांच आम दिनों में क्यों नहीं होती, ताकि इन मिलावट खारों पर नकेल कसी जा सके।
यहां हुई कार्रवाई
सोमवार को जालोर शहर में तथा आस पास के गांवों मे गहन निरीक्षण किया गया तथा खाद्य पदार्थों की सैम्पलिंग करवाई गई। उनके द्वारा जालोर में घी की फैक्ट्री में घी तथा बिना ब्राण्ड के बटर के सेम्पल जांच वास्ते लिये गये । उनके द्वारा दीगांव में खाद्य पदार्थ के सैम्पल लिए गए। मेडा उपला में सारणेश्वर डेयरी के निरीक्षण मे वहां पर 152 किलोग्राम पुराना व सड़ा हुआ किस्म का मावा पाया गया। जिसमें फफूंद लगी होने व बदबू आने के कारण तथा खाद्य निरीक्षक द्वारा इसे आमजन के खाने लायक नहीं होने व स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक बताने पर उसे डेयरी मालिक पांचाराम की उपस्थिति मे मौके पर ही नष्ट करवाया गया।
यहां केवल औपचारिकता बरती
जालोर तहसीलदार मादाराम मीणा व नायब तहसीलदार भी उपस्थित थे। इसके साथ ही बागोड़ा उपखण्ड अधिकारी मृदुला शेखावत के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा बागोडा के बाजार में कार्रवाई करते हुए किराणे की दुकान से अवधिपार सामान को जब्त किया गया। सब्जी व फल विक्रेताओं के सडे गले तथा आमजन के स्वास्थ्य के लिऐ हानिकारक खाद्य पदार्थो तथा मिठाई की दुकानों से अवधिपार पेय पदार्थो को नष्ट करवाया गया।
13 Replies to “मिलावट का कारोबार, अब जागे पहले क्यों नहीं”