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प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा अवैध बजरी का कारोबार
पुष्पेन्द्रसिंह चम्पावत
चौराऊ।
उपखण्ड क्षेत्र के चौराऊ व आसाणा गांव में लाॅकडाउन के बावजूद बजरी के अवैध खनन व परिवहन का काम जोरों से चल रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे चलने वाले बजरी के अवैध कारोबार से अधिकारी भी अनजान नही है। लेकिन बजरी माफियाओं की रसूख व राजनीतिक दबाव के चलते इस अवैध धंधे को रोकने मे पुलिसए खनन विभाग व प्रशासन नाकाम साबित हो रहे है।
जानकारी के अनुसार उपखण्ड क्षेत्र के आसाणा नदी क्षेत्र में अवैध खनन के बाद बजरी को ट्रेक्टर.ट्रोली में भरकर चौराऊ गांव में विभिन्न निर्माण स्थलों तक पहुंचाया जा रहा है। बजरी के अवैध परिवहन के दौरान ट्रेक्टर.ट्रोली के आगे व पीछे दुपहिया व चौपहिया वाहन से रैकी शुरू हो जाती है। साथ ही गांव के विभिन्न आने.जाने वाले रास्तों पर लोगो को बैठा दिया जाता है।
जो पुलिस व खनन विभाग के अधिकारियों के आने की सूचना बजरी माफिया व ट्रेक्टर चालक को देते है। कई बार पुलिस व खनन विभाग की टीम के आने की भनक लगने पर ट्रेक्टर चालक अवैध बजरी से भरी ट्रोली को बीच रास्ते मे खाली कर भाग जाते है। वही पकड़ में आने पर प्रशासन द्वारा भी ट्रेक्टर ट्रॉली को जब्त किया जाता है तथा चालक के विरुद्ध कार्रवाई नही की जाती है।जिसके चलते खननकर्ताओं के हौसले बुलन्द है।
अलसवेरे व देर रात को होता है परिवहन
पुलिस व खनन विभाग की नजरों से बचने के लिए नदी क्षेत्र से खनन के बाद बजरी से भरे ट्रेक्टर अलसवेरे व देर रात को तंग गलियों से होकर गुजरते है। मुख्य सडकों पर पुलिस का जगह जगह पहरा होने के कारण खननकर्ताओ द्वारा पुलिस व विभागीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए अंदरूनी रास्तों का उपयोग किया जाता है।
इन रास्तों से होता है परिवहन .
आसाणा नदी क्षेत्र में खनन के बाद अवैध बजरी को ट्रेक्टर ट्रॉली में भरकर परिवहन किया जाता है। इस दौरान आसाणा से चौराऊ फांटे होते हुए गांव में विभिन्न गलियों से निर्माण स्थलों तक बजरी पहुचाई जाती है। इसी प्रकार आसाणा से बोरवाड़ा एवं आसाणा से चौराऊ होते हुए बावतरा तक बजरी पहुचाई जाती है।
इनका कहना।
अभी कोरोना महामारी की रोकथाम मे लगे हुए है अगर बजरी का अवैध परिवहन किया जा रहा है तो टीम बनाकर कार्यवाही की जाएगी। सीमा तिवाडी उपखंड अधिकारी सायला
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