भाद्राजून थाना क्षेत्र के भोरड़ा गांव का मामला, पीड़ित परिवार ने पुलिस में दर्ज कराया मुकदमा
जालोर। भाद्राजून पुलिस थाने में समाज के पंचों के खिलाफ एक परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का पानी बंद करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। भोरड़ा निवासी अनाराम पुत्र नारायणलाल चौधरी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि वह और उसका भाई जयंतीलाल की महाराष्ट्र के बोराड़ी गांव में किराणा दुकान है। पिछले ढाई-तीन साल से उसका चचेरा भाई ओमाराम पुत्र स्व. वगताराम दुकान पर काम करता था, जिसे मजदूरी पेटे प्रतिमाह दस हजार रूपये देते थे। दिनांक 09.08.2023 को सुबह 5.55 बजे हमारा चचेरा भाई श्रीराम मंदिर जाने का कहकर अपनी मोटरसाइकिल लेकर गया, लेकिन लौट कर नहीं आया। इस संबंध में पुलिस थाना में गुमशुदगी दर्ज करवाई। दो दिन बाद उसका शव 17 किलोमीटर दूर पन्नाखेडा गांव में मिला। इस संबंध में परिजनों व रिश्तेदारों को भी समय-समय पर घटनाक्रम की जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलने पर सभी परिजन व रिश्तेदार भी बोराडी आए तथा पुलिस से मिलकर घटनास्थल पर भी पहुंचेे। इसके बाद सभी लोग भोरड़ा आ गए, लेकिन कुछ दिनों बाद हमारे दूर के चाचा सोनाराम एवं छोगाराम मुझ प्रार्थी को लगातार फोन करके गांव आने के लिए दबाव बनाने लगे।
जिस पर दिनांक 06.09.2023 को मैं प्रार्थी एवं मेरा भाई अनिल अपने गांव भोरड़ा पहुंचे, जहां सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक समाज के तथाकथित पंचों ने पंचायती की तथा मुझ प्रार्थी व मेरे भाई से 100,000 रूपये उत्तापा रीत के तौर वेलाराम पुत्र गोमाराम कुकल निवासी भोरड़ा ने नकद लिए और 20,00,000 रूपये एक दिन में बतौर दंड जमा करवाने की चेतावनी दी। दिनांक 07.09.2023 को सुबह नौ बजे सोनाराम पुत्र गोमा बग, खसाल पुत्र रणछोड़ाराम फक, अदरिंग पुत्र भीमा सोलंकी, जोगाराम पुत्र तला सोलंकी, अणदाराम पुत्र रणछोड़ाराम नाइकार, खेताराम पुत्र वरदा फक, हीराराम पुत्र रगा बग, मीठाराम पुत्र रामाराम बग, चुन्नीलाल पुत्र हनुमानाराम बग निवासीयान भोरड़ा, छोगाराम पुत्र सांवलाराम कांदली, गोविंदाराम पुत्र खेताराम निवासियान बिजली ने पंच-पंचायती कर मुझ प्रार्थी, मेरे भाई जयंतीलाल एवं मेरे पिता नारायणलाल को मृतक ओमाराम के परिवार को 20,00,000 रूपये दंड के तौर पर देने का तुगलकी फरमान सुनाया तथा इसके अभाव में मुझ प्रार्थी एवं मेरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर हुक्का-पानी बंद करने चेतावनी दी।
मुझ प्रार्थी एवं मेरे परिवार वालों ने परिचित एवं रिश्तेदारों से रूपयों का इंतजाम करने की काफी कोशिश की, लेकिन रूपयों का इंतजाम नहीं होने पर दोपहर साढ़े बारह बजे खसालराम पुत्र रणछोड़ाराम एवं अणदाराम पुत्र रणछोड़ाराम नाइकार मुझ प्रार्थी, मेरे भाई जयंतीलाल एवं मेरे पिता नारायणलाल को बुलाने आए। इसके बाद मैं प्राथी, मेरा भाई जयंतीलाल एवं मेरे पिता नारायणलाल दोपहर डेढ़ बजे सोनाराम पुत्र गोमा बग के घर पहुंचे जहां पहले से पंचायती चल रही थी। वहां पहुंचने के पांच मिनट बाद ही सोनाराम ने पंचों की तरफ से तुगलकी फरमान सुनाते हुए मुझ प्रार्थी के पूरे परिवार को समाज की बहिष्कृत कर हुक्का-पानी बंद कर दिया।
साथ ही हमें फरमान सुनाया कि आज के बाद गांव का कोई व्यक्ति आप लोगों से किसी तरह का व्यवहार नहीं करेगा एवं ना ही आप लोग गांव में रह सकते हो। इस दौरान खसालाराम ने हमें धमकी दी कि अपनी खैरियत चाहते हो तो गांव से बाहर चले जाने, यहां तुम लोगों के कोई जगह नहीं है। अन्यथा इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना। इस पर दिनांक 07.09.2023 को मुझ प्रार्थी व मेरे भाई जयंतीलाल अपने पिता के साथ पुलिस थाना भाद्राजून में रिपोर्ट देने आए। जिस पर भाद्राजून पुलिस थाने में दिनांक 08.09.2023 को आरोपियों ने थानाधिकारियों की मौजूदगी में मुझ प्रार्थी व मेरे परिवार को समाज से बहिष्कृत नहीं करने एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में रहने का आश्वासन दिया। जिस पर मैं प्रार्थी व मेरा भाई बोराड़ी (महाराष्ट्र) दुकान संभालने चले गए। जबकि मेरे पिता नारायणलाल, माता ढेपी देवी एवं मुझ प्रार्थी की पत्नी मनीषा फसल कटाई के लिए गांव में रूके।
चूंकी मुझ प्रार्थी एवं मेरी बहन रेखा की आटे-साटे में भोरड़ा गांव में ही शादी हो रखी है। मुझ प्रार्थी एवं मेरे भाई के जाने के बाद आरोपियों ने मुझ प्राथी के ससुराल वालों पर दबाव बनाया। जिस पर मेरे ससुराल वाले मेरे पत्नी को अपने साथ ले गए, जबकि मेरी बहन रेखा को हमारे घर छोड़ गए। इस दौरान गांव के छत्तीस कौम के लोगों पर भी आरोपियों ने दबाव बनाकर मुझ प्रार्थी के परिजनों से बातचीत एवं किसी भी तरह का व्यवहार करने पर रोक लगा दी। गांव में किसी भी दुकान से मुझ प्रार्थी के परिवार को सामान देना बंद कर दिया। वहीं फसल कटाई के लिए मजदूरों ने भी आना बंद कर दिया। मुझ प्रार्थी ने मेरे गांव भोरड़ा एवं आसपास के गांवों से फसल कटाई के लिए किराए पर थ्रेसर लाना चाहा तो उन लोगों ने भी यह कहकर मना कर दिया कि आप लोगों को समाज से बहिष्कृत कर रखा है, इसलिए हमें भी आने के लिए मना किया हुआ है।
ऐसे में मुझ प्रार्थी के खेत में खड़ी फसल भी कटाई के अभाव में खराब हो रही है। वहीं गांव में सभी लोगों ने मुझ प्रार्थी एवं मेरे परिवार से व्यवहार व बोलचाल बंद कर दी है। वहीं आरोपियों राजनीतिक रसूखात वाले होने के कारण मुझ प्रार्थी के सगे-संबंधियों पर भी दबाव की स्थिति बनी हुई है, जिससे वे लोग भी हम लोगों का कोई सहयोग नहीं कर पा रहे हैं। इससे मुझ प्रार्थी एवं मेरे परिवार को मानसिक एवं आर्थिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।