– शनिवार को सांकड़वा के बाद शाम को सिवाड़ा के आस पास देखा गया था पैंथर
जालोर. लगातार चौथे दिन रविवार को भी पैंथर विभागीय टीम की जद से दूर ही रहा। टीम उसे नहीं पकड़ पाई। इस बीच रविवार सवेरे चितलवाना के आकोली क्षेत्र में पैंथर के पगमार्क देखे गए और दोपहर बाद पैंथर के यहां स्थित लूनी नदी के आस पास पहुंचने की जानकारी मिलने पर टीम ने वहां खोजबीन शुरू की। लगातार चौथे दिन वन विभाग की टीम के साथ ग्रामीण भी पैंथर को पकडऩे के लिए मशक्कत करते रहे। हालांकि शाम तक टीम को सफलता नहीं मिल पाई। इधर नेहड़ क्षेत्र में रविवार सवेरे से जारी तेज बारिश के दौर के बीच टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं इन स्थिति में दिनभर में पैंथर के पगमार्क नहीं मिले।
बारिश ने बढ़ा दी परेशानी
मानसून की सीजन होने के कारण अधिकतर खेतों में बुवाई हो रखी है और खेत लहलहा रहे हैं। इस स्थिति में खेतों के बीच कुछ क्षेत्र केवल मिट्टी का है, जहां से गुजरने पर पैंथर के पगमार्क दिखने पर उसकी उपस्थिति नजर आ जाती है, लेकिन उसके बाद बाजरे समेत झाडिय़ों की ओट में पैंथर के छिप जाने से मुश्किल बढ़ रही है। दूसरी तरफ एक बार फिर से जारी बारिश के दौर के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।
बाड़मेर में प्रवेश की संभावना
रविवार शाम तक पैंथर की उपस्थिति सिवाड़ा, आकोली के आस पास बताई जा रही थी। यह बाड़मेर जिले के पास का क्षेत्र हैं। पैंथर को पकडऩेे के लिए टीम जुटी हुई है, लेकिन यदि सफलता नहीं मिलती है तो यह संभावना भी है कि यहां से पैंथर माइग्रेट होकर बाड़मेर जिले में पहुंच जाएगा।
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