– पुलिस के सामने सवाल यह कि आखिर लॉकर से गहने कैसे गायब हुए, बैंक का कहना यहां से लॉकर धारक के अलावा कोई और नहीं निकाल सकता
जालोर. जालोर में तिलक द्वार के अंदर स्थित एसबीआई बैंक से एक लॉकर से गहने के स्थान पर पत्थर मिलने के मामले में शनिवार से पुलिस ने जांच शुरू की। लेकिन पहले स्तर पर ही पुलिस के सामने कई ऐसे सवाल खड़े हो चुके हैं। जिसकी तह तक पहुंचने पर ही मामले का खुलासा हो पाएगा। इस मामले के अनुसार वर्ष 2013 में अंतिम बाद लॉकर खुला था और वह स्वयं धारक पारसमल ने खोला था। यदि ऐसा है तो इस लॉकर से गहने कैसे गायब हो गए। दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंक में लॉकर की पारदर्शी प्रक्रिया है और इसे कोई भी अपनी मर्जी से नहीं खोल सकता, क्योंकि इसे दो चाबी से ही खोला जा सकता है। जिसमें एक लॉकर धारक के पास तो दूसरी बैंक प्रबंधक के पास ही होती है। ऐसे में अब यह मामला दोहरी जांच का है। सीधे तौर पर अब बैंक प्रबंधन से ही नहीं, बल्कि अब इस मामले में जांच का दायरा लॉक धारक तक भी होगा। क्योंकि बैंक प्रबंधन ने जो तर्क दिए हैं। उसके आधार पर लॉकर को मनमर्जी से खोलना और उसके बाद उसे मनमर्जी से बंद करना आसान काम नहीं है। अलबत्ता यह रोचक मामले की जांच शुरू हो गई है। दूसरी तरफ इस घटनाक्रम की चर्चा दिनभर शहर में चलती रही कि यदि बैंक से ही इस तरह से लॉकर में रखे गहने गायब होने लगे तो फिर बैंकों से ही विश्वास उठ जाएगा।
शहर की नजर
शनिवार से मामले की जांच शुरू हो गई साथ ही कई तरह के कयास और चर्चाएं भी शुरू हो गई। मामला काफी चर्चित हो चुका है और यह एसबीआई जैसे बड़े बैंक की साख का सवाल भी है। ऐसे में अब पुलिस किस तरह से मामले को सुलझाती है यह देखना अहम होगा। हालांकि अभी पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ इस अबूझ पहले पर पड़ताल शुरू की है।
15 Replies to “#SBI JALORE जालोर में एसबीआई के लॉकर में गड़बड़झाले में अब शक इन पर गहरा रहा”
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